सुरभि न्यूज़ ब्यूरो
शिमला, 02 दिसंबर
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने हाल ही में पत्रकारों से बातचीत के दौरान हिमाचल पथ परिवहन निगम की गोल्डन जुबली वर्ष के मौके पर महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम ने अपने 50 वर्षों का सफलतापूर्वक सफर पूरा किया है और इस समय गोल्डन जुबली वर्ष चल रहा है। इस अवसर पर निगम को और बेहतर बनाने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की ग
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम के गोल्डन जुबली वर्ष के दौरान कई नई परियोजनाओं पर ध्यान दिया जा रहा है। इन परियोजनाओं में बस अड्डे का निर्माण, वर्कशॉप का विस्तार और नई बसों की खरीद जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं शामिल हैं। इसके लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम को जितनी भी वित्तीय सहायता की आवश्यकता होगी, वह पूरी की जाएगी। उनका यह भी कहना था कि राज्य सरकार हिमाचल पथ परिवहन निगम को पूरी मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि निगम की सेवाओं को और बेहतर बनाया जा सके।
उपमुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि एचआरटीसी के लिए 300 इलेक्ट्रिक बसों का फंड प्राप्त हो चुका है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इससे राज्य में पर्यावरण की रक्षा करने और प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी। हिमाचल प्रदेश की सड़कों पर बहुत जल्दी ये इलेक्ट्रिक बसें दौड़ती हुई नजर आएंगी। इससे न केवल यात्रियों को आरामदायक यात्रा मिलेगी, बल्कि राज्य की यातायात व्यवस्था में भी सुधार होगा।
मुकेश अग्निहोत्री ने आगे कहा कि इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत के साथ-साथ इलेक्ट्रिक बसों के चार्जिंग स्टेशनों और वर्कशॉप्स के निर्माण के लिए भी फंड उपलब्ध हो चुका है। इन स्टेशनों और वर्कशॉप्स का निर्माण जल्द ही शुरू किया जाएगा, जिससे इलेक्ट्रिक बसों की देखभाल और संचालन में कोई परेशानी नहीं होगी। इससे हिमाचल प्रदेश में परिवहन सुविधाओं में नई क्रांति आएगी।
उपमुख्यमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य सरकार हिमाचल पथ परिवहन निगम के लिए आवश्यक संसाधन और बजट उपलब्ध कराएगी ताकि निगम की सेवाएं बेहतर हो सकें और हिमाचल प्रदेश में सार्वजनिक परिवहन का नेटवर्क और मजबूत हो सके। उन्होंने आश्वासन दिया कि हिमाचल पथ परिवहन निगम को जो भी पैसों की जरूरत होगी, उसे पूरा किया जाएगा, ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
मुकेश अग्निहोत्री का यह बयान हिमाचल पथ परिवहन निगम के भविष्य के लिए एक सकारात्मक कदम साबित हो सकता है, क्योंकि इससे न केवल सार्वजनिक परिवहन में सुधार होगा, बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा की सुविधा भी मिलेगी