समावेशिता और संवेदनशीलता ही सशक्त समाज की आधारशिला हैं – चंद्रिका मल्होत्रा

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सुरभि न्यूज़

प्रताप अरनोट, कटराई

साम्फिया द्वारा डीएवी पब्लिक स्कूल कटराई में दिव्यांगता पर केंद्रित एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों को दिव्यांगता की विभिन्न श्रेणियों, उनके जीवन में आने वाली चुनौतियों तथा शिक्षा में समावेश की आवश्यकता के प्रति जागरूक करना था।

कार्यक्रम की शुरुआत में साम्फिया के प्रोग्राम मैनेजर बीजू हिमदल ने संस्था द्वारा चलाए जा रहे प्रमुख कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने विशेष रूप से ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में दिव्यांग बच्चों के लिए साम्फिया द्वारा किए जा रहे कार्यों को साझा किया।

इसके पश्चात साम्फिया की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. श्रुति भारद्वाज ने उपस्थित प्रतिभागियों को थैरेपी सेवाओं के महत्व और दिव्यांगता के विभिन्न प्रकारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि समय पर दी गई थैरेपी सेवाएं बच्चों की गतिशीलता, संवाद क्षमता, आत्मनिर्भरता और समग्र विकास में कैसे सहायक होती हैं।

इस अवसर पर स्कूल की प्रधानाचार्य चंद्रिका मल्होत्रा ने साम्फिया के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि “समावेशी समाज की दिशा में साम्फिया का दृष्टिकोण सराहनीय है और डीएवी स्कूल भी दिव्यांगजनों के लिए समावेशी वातावरण तैयार करने के इस विज़न पर कार्य करेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि स्कूल में भविष्य में भी इस तरह की जागरूकता कार्यशालाएं नियमित रूप से आयोजित की जाएंगी।

इस कार्यशाला में स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाएं तेनज़िन पालदोन, संध्या ठाकुर, निशा देवी, अलीशा शर्मा, सुमन राणा, संजीव ठाकुर और चंद्रकांता भी सक्रिय रूप से उपस्थित रहे। सभी ने कार्यशाला की सराहना की और इस तरह की पहल को बच्चों के समग्र विकास के लिए अत्यंत उपयोगी बताया।

कार्यशाला के अंत में एक विशेष गतिविधि भी आयोजित की गई, जिसमें छात्रों को दिव्यांगता की चुनौतियों को अनुभव कराने का प्रयास किया गया। सभी छात्रों ने इस गतिविधि में बढ़-चढ़कर भाग लिया, जिससे उनमें सहानुभूति, समझ और समावेश की भावना को मजबूती मिली।

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