सुरभि न्यूज़
नरेंद्र भारती, मंडी
भाग्य अपना अपना है कोई झोपड़ी में ख़ुश है तो कोई महलों में भी रोता है। भाग्य किसी की बपोती नहीं होती, कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है बस अच्छे कर्म करते रहिए। सभी का अपना अपना भाग्य होता है। कहते हैं जैसा कर्म करोगे वैसा ही फल मिलेगा। कर्म प्रधान होता है इसलिए कर्म करते रहिए। भाग्य किसी क़ो कब कंगाल बना दे यह किसी क़ो पता नहीं होता। दो जून की रोटी क़ो तरसने वाले आज अपना समय भूल चुके हैं। अच्छे कर्म करते रहिये जीवन स्वर्ग बन जायेगा।
आज कुछेक तथाकथित लोग तिगड़म करके ऐसे पदों पर विराजमान है जिसके वे काबिल नहीं है, लेकिन सिफारिश के बलबूते स्थान हासिल करने वालों को एक दिन वक्त जरुर धूल चटाता है। एक कहावत की घर का जोगी जोगड़ा बाहर का जोगी सिद्ध आज पूरी तरह चरितार्थ हो रही है। आदमी को एक बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि मुसीबत में अपने ही काम आते है, बाहर के तमाशा देखते हैं। आज अपनों को नीचे गिराया जाता है और बाहर के लोगों को उपर उठाया जाता है, भेदभाव किया जाता है। प्रतिभा को दबाया जाता है और चंद स्वार्थों के लिए बाहर के लोगों को फायदा पहुंचाया जाता है।
आज कितने ही प्रतिभावान लोग है जिन्हे दरकिनार करके अयोग्य लोगों को मौका दिया जाता है। अनुभवहीन लोग आज इतने बड़े बन जाते है कि दूसरों को पाठ पढ़ाने लगते है कि कौन काम सही है और कौन गलत, मगर सच्चाई सौ परदे फाड़ कर बाहर आती है तब ऐसे लोग खाक में मिल जाते है। यह वक्त का कैसा तकाजा है कि आज सच्चे व इरादों के पक्के लोगों को मुख्यधारा से बाहर रखा जा रहा है।
जीवन ऐसा तराजू है जिसके एक पलड़े में जिन्दगी और दूसरे पलड़े में मौत होती है। जीवन और मृत्यु में सिर्फ सांसों का फासला है। जब इन्सान जिन्दा होता है तो कोई उसका हाल तक नहीं पूछता लेकिन जब संसार से रुखस्त हो जाता है तो हर आदमी मातम में शामिल होने में अपनी शान समझतें है।जिन्होने जब जिन्दा था तो बात तक नहीं की होगी। एक जोड़ी कपड़ा तक दान नहीं दिया मगर उसके मृत शरीर पर सैंकड़ों चादरें डाली जाती है। जीते जी जिसे घी नहीं मिलता जलाती बार मुहं में शुद्व देशी घी की आहुती दी जाती है जो व्यर्थ है। कहने का तात्पर्य यह है कि आदमी की जीते जी सहायता कि जाए तो वही सच्ची मानवता कहलाएगी।
आत्मकेन्द्रित लोग बहुत घातक होते हैं उन्हें बस अपना काम होना चाहिए बाकी कोई लेना देना नहीं होता है। समाज में ऐसे लोग किसी क़े नहीं होते है। आदमी खानदानी रईस हो या फिर दाने-दाने को मोहताज हो किसी को छोटा नहीं समझना चाहिए। हर आदमी से समानता का व्यवहा करना चाहिए। कभी भी भेदभाव नहीं करना चाहिए। वक्त बदलते देर नहीं लगती भाग्य किसी को भी अर्श से फर्श पर ले जाता है, इसलिए मानव को मर्यादा में रहकर ही हर काम करना चाहिए।
आदमी को किसी के साथ भी धोखा व विश्वासघात नहीं करना चाहिए। क्योंकि एक बार विश्वास टूट जाता तो फिर से कायम कर पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में आदमी का जीवन व्यर्थ है जो दूसरों को दुख देता है। गरीब आदमी को कभी नहीं सताना चाहिए अगर गरीब की बददुआ लग जाए तो बड़े से बड़ा आदमी धराशायी हो जाता है, इसलिए हर आदमी को हमेशा मानव सेवा के लिए अच्छे कार्य करने चाहिए। मानव को ऐसे काम करने चाहिए कि मरने के बाद भी उसे हमेशा अच्छे इन्सान के रुप में याद किया जा सके।
भूखे को रोटी और प्यासे को पानी पिलाना ही मानवता की सेवा सबसे बड़ा धर्म माना गया है। आदमी पैसों से बैंक के खातों को तो भर रहा है मगर उपर का खाता खाली है, इसलिए प्रत्येक साधन-संपन्न मानव को लाचार व गरीब लोागों को दान पुण्य करना चाहिए। प्रत्येक मानव को पता है कि एक दिन सबको मौत आनी है। मानव जब कोई चीज बनाता है तो वह उसकी गांरटी तय करता है मगर उसकी अपनी कोई गांरटी नहीं है कि कब प्राण निकल जाएं। रात दिन अवैध तरीकों से जायदाद जोड़ रहा है मगर किसके लिए आज तक कोई उठा कर नहीं लेकर गया है।
प्रतिभाएं किसी की मोहताज़ न होकर कभी झुकती नहीं और शिखर पर जरूर पहुंचती है। कहते है कि हाथ से छिना जा सकता है मगर भाग्य को नहीं छिना जा सकता। जो भाग्य में है वह जरुर मिलेगा। देर जरुर है मगर सच ही पुरस्कृत होता है। सच्चाई के रास्ते पर चलते रहिए सच्चाई की हमेशा जीत होती है व सच कभी नहीं हारता।
सच्चा मित्र वही होता है जो कभी भेदभाव नहीं करता। मित्र गलत भी हो तब भी साथ नहीं छोड़ता। एक विचारक ने कहा था की दोस्ती बराबर की होनी चाहिए अगर दोस्ती बराबर की न हो तो टूट जाती है। आजकल दोस्ती हैसियत देखकर की जाती है की उसका जीवन स्तर कितना ऊँचा है? स्टेटस क्या है? क्या जॉब करता है? क्या उसके पास गाड़ी व बंगला है? आलीशान मकान है यह दोस्ती का पैमाना है। ग़रीब अमीर की दोस्ती बहुत कम होती है क्यूंकि अमीर अपनी पैसे की धौंस जमाते है और गरीबों को दबाते हैं और नीचा दिखाते हैं।
कहते हैं सच्चे व पक्के दोस्त नसीब वालों को ही मिलते हैं। आज सच्चे मित्र मिलना बहुत ही कठिन है। वास्तव में सच्चा मित्र वह होता है जो हमेशा हर दुःख सुख व मुसीबत में हमारे साथ खड़ा रहता है। दुःख सदा नहीं रहते। सुख दुःख जीवन की धूप छावं होते हैं और जीवन में इनका आना जाना एक सतत प्रक्रिया है। जीवन मे एक ही मित्र काफ़ी होता है जो हर संकट मे कंधे से कंधा मिला कर चले। आधुनिक इंटरनेट युग में ऐसे दोस्त विलुप्त हो चुके हैं। आज मतलबी दोस्त हो गए हैं मतलब खत्म दोस्ती खत्म हो जाती है। एक शायर ने कहा है कि जिंदगी में हर चीज अच्छी होती है लेकिन दोस्त पुराने ही अच्छे होते हैं जो हर परिस्थिति से वाकिफ होते हैं। नए दोस्त सिर्फ नौ दिन साथ चलते हैं जबकि पुराने ताउम्र साथ चलते हैं।
आज कुछ लोग अमीर बन जाने पर पुराने दोस्तों को अनदेखा करते हैं व अपना समय भूल गए हैं। गरीब के साथ रिश्ता छुपाते हैं। गरीब का स्वाभिमान बहुत बड़ा होता है वह स्वाभिमान से जीता है किसी को इग्नोर न कर दिन रात बिना स्वार्थ के तत्पर रहता है, लेकिन लोग उसका आदर नहीं करते। गरीब आदमी बेईमान नहीं होता नमक से खा लेगा मगर किसी के आगे हाथ नहीं फैलाता।