जलोड़ी टनल निर्माण का सपना क्षेत्र के लोगों के लिए केवल मुंगेरीलाल का सपना, कब होगा साकार

Listen to this article
सुरभि न्यूज़ डेस्क
सी आर शर्मा, आनी
जिला कुल्लू के दो उपमण्डल आनी व निरमण्ड  की 69 पंचायतों सहित दो नगर पंचायतों को जिला मुख्यालय कुल्लू से जोड़ने वाले एनएच 305 सैंज लूहरी औट मार्ग के मध्य 10280 फुट की ऊंचाई पर स्थित जलोड़ी दर्रा सर्दियों में वर्फबारी के चलते यातायात व लोगों के आवागमन के लिए पूरी तरह से बंद रहता है।
जिससे आनी क्षेत्र के लोगों का अपने जिला मुख्यालय से सीधा संपर्क पूरी तरह से कट जाता है। इसे आनी व निरमण्ड क्षेत्र के लोगों का दुर्भाग्य समझें या सरकार व स्थानीय नेताओं की अनदेखी कि जलोड़ी दर्रे की विकट समस्या का हल अभी तक नहीं निकल पाया है।
राजनीतिक पार्टियां, चुनाव नज़दीक आते ही जलोड़ी दर्रे के नीचे भूमिगत टनल के निर्माण के मुद्दे को भुनाने लगते हैं और चुनाव जीत जाने के बाद यह मामला ठंडे बस्ते में पड़ जाता है।
टनल निर्माण का सपना क्षेत्र के लोगों के लिए केवल मुंगेरीलाल का सपना ही बनकर रह गया है। 97 किमी लम्बे सैंज लूहरी आनी औट के मध्य स्थित जलोड़ी दर्रा लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या बना हुआ है।
यह दर्रा अक्तूबर से फरबरी मार्च तक लगभग पांच माह भारी बर्फबारी के चलते खनाग से घियागी के मध्य यातायात के लिए पूरी तरह से बंद रहता है।
जिस कारण आनी क्षेत्र के लोगों व सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को जिला मुख्यालय जाने आने के लिए बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है।
ऐसे में जिला मुख्यालय कुल्लू जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग वाया बसन्तपुर व वाया रोहांडा अति दूर होने से लोग कई बार मजबूरन पांच से सात फुट ऊंची वर्फ़ की दीवार को लांघकर वाया जलोड़ी दर्रा से होकर  भारी जोखिम उठाकर पैदल सफर तय करते हैं।
जिससे कई बार अत्यधिक ठंड व भारी वर्फबारी के कारण यात्री बीच रास्ते में ही फंस जाते हैं और कई मर्तवा अनहोनी घटना का शिकार भी हो जाते हैं।
केंद्रीय व प्रदेश सरकार जलोड़ी जोत टनल के निर्माण को लेकर गम्भीर नहीं रही।  इससे सरकार का सौतेलापन साफ झलक रहा है कि जलोड़ी टनल व एनएच 305 सड़क के निर्माण को लेकर सरकार ने कोई रुचि नहीं दिखाई।
जबकि सैंज लूहरी औट एनएच 305 का निर्माण कार्य भी पिछले पांच सालों में ठंडे बस्ते में पड़ा रहा जिसका खामियाजा क्षेत्र की जनता को  सड़क मार्ग में आये दिन लगने बाले लंबे जाम के रूप में भुगतना पड़ रहा है।
आगामी 12 नवंबर को प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाबों में ये मुद्दे प्रत्याशियों के लिए खासे महत्वपूर्ण साबित होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *