भराडू के सेर रोपा गाँव में बरसात के दौरान घरों में घुस जाता है पानी, एसडीएम जोगिंदर नगर को सौंपा ज्ञापन

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सुरभि न्यूज़ ब्यूरो 
भराडू, जोगिन्दर नगर 
जोगिन्दर नगर उपमंडल की भराडू पंचायत के अलगावाड़ी वार्ड के सेर रोपा वासियों एवं किसानों का 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष तथा जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज के नेतृत्व में गत दिवस एसडीएम जोगिंदर नगर से मिला तथा उन्हें मांगों संबंधी ज्ञापन सौंपा। इस प्रतिनिधिमंडल में संसार चंद, अश्वनी कुमार, बबली देवी, सुमना देवी, सीता देवी, इंडू देवी, बिमला देवी, सत्या देवी तथा सोनू देवी शामिल रहीं।
कुशाल भारद्वाज ने जानकारी देते हुए बताया कि उपरोक्त गाँव के लोग न केवल बरसात में बल्कि हर मौसम में बारिश के दौरान भारी परेशानी झेलते हें। इस संबंध में 2 वर्ष पूर्व भी तत्कालीन एसडीएम महोदय ने गाँव का दौरा किया था, तथा सड़क से नीचे बसे इस गाँव में नाले की तरह बह कर आने वाले पानी की निकासी हेतु उचित कार्यवाही का भरोसा दिलाया था, लेकिन आज दिन तक इस संबंध में कुछ भी कार्य नहीं हुआ है। कुशाल भारद्वाज ने कहा कि गाँव वालों के आग्रह पर मैंने स्वयं भी इस गाँव का दौरा किया है तथा हर घर में जाकर बारिश के पानी व बाढ़ से होने वाले जलभराव का बारीकी से मुआयना भी किया है।
उन्होंने कहा कि इस गाँव के ऊपर की तरफ मच्छयाल-भराड़ू सड़क है। इस सड़क में जो भी पानी ऊपर के खेतों से बह कर आता है उसकी निकासी हेतु कोई नाली नहीं बनाई गई है और न ही कोई पाइपें ही बिछाई गई हैं। जिससे सारा पानी तेज बहाव के साथ सेर रोपा गाँव में आता है। नतीजा यह होता है कि थोड़ी सी बारिश होने पर भी कई घर, गौशालाएं व सारे खेत जलमगन हो जाते हैं जिससे फसल भी खराब हो जाती है। इस गाँव की जमीन काफी उपजाऊ है लेकिन जब से बारिश का पानी इस गाँव की तरफ डाइवर्ट होकर आना शुरू हुआ है, तब से ऊपज भी कम हो गई है।
भराड़ू सड़क के ऊपरी तरफ जो खेत हैं, उनके पानी का एक बड़ा हिस्सा पहले भराड़ू की तरफ वाले नाले में चला जाता था, लेकिन उधर चेक डैम बनने से ऊपर के खेतों का सारा पानी भी इसी सड़क को और फिर सड़क से सटे इस गाँव में आ जाता है। यह गाँव खड्ड किनारे समतल स्थान पर है जिस कारण यहाँ बारिश में जलभराव हो जाता है। बरसात में तो आँगन व घरों के कमरों में भी पानी आ जाता है जिससे सभी को भरी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि बरसात में पानी के साथ-साथ मिट्टी, मलबा और कचरा घरों में आ जाता है। गाँव में चारों तरफ सड़ांध फैल जाती है तथा गंदी बदबू आती है। बाढ़ की तरह बह कर आने वाले सड़क के पानी से सेफ्टिक टैंकों में भी पानी भर जाता है। ऐसी स्थिति में गंभीर बीमारियों का खतरा बना रहता है।
अतः सड़क से ऊपर के पानी को पहले की तरह भराडू नाले की तरफ डाइवर्ट किया जाए। सड़क से बह कर आने वाले पानी की निकासी हेतु सड़क से रणा खड्ड तक या तो पाइपें बिछाई जाएँ या फिर पक्की नाली (चैनेलाइजेशन) के माध्यम से इस पानी को रणा खड्ड में डाला जाये।
कुशाल भारद्वाज ने एसडीएम से अनुरोध किया कि उक्त गाँव की इस गंभीर समस्या के निदान हेतु राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग, जलशक्ति विभाग और भूसंरक्षण विभाग के अधिकारियों के साथ वे स्वयं मौके पर आ कर पूरा निरीक्षण करें तथा गांववासियों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए सभी विभागों को तुरंत उचित कार्यवाही करने का निर्देश भी दें।

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