सुरभि न्यूज़ ब्यूरों
जोगिन्दर नगर, 10 अक्तूबर
हिमाचल प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्य मंत्री सुखाश्रय योजना जोगिन्दर नगर विधानसभा क्षेत्र के चौंतड़ा ब्लॉक में 46 निराश्रित व अनाथ बच्चों का सहारा बनने जा रही है। इस योजना के माध्यम से न केवल इन निराश्रित व अनाथ बच्चों को सरकार पर्याप्त सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगी बल्कि शादी व मकान बनाने के लिए धनराशि भी मुहैया करवाएगी। इसके अतिरिक्त उच्च, व्यावसायिक व कौशल शिक्षा हासिल करने वाले निराश्रित व अनाथ बच्चों की शिक्षा का खर्च भी प्रदेश सरकार वहन करेगी।
हिमाचल प्रदेश में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से 2700 ऐसे निराश्रित व अनाथ बच्चों की पहचान की गई है, जो भावनात्मक उपेक्षा, शारीरिक और सामाजिक-आर्थिक समर्थन की कमी का सामना कर रहे हैं। जिनमें से अकेले चौंतड़ा ब्लॉक में ही कुल ऐसे 46 बच्चों व लोगों की पहचान की गई है। जिनमें 18 वर्ष से कम आयु वाले 17 तथा 18 से 27 वर्ष की आयु वाले 29 लोग शामिल हैं। मुख्य मंत्री सुखाश्रय योजना के माध्यम से आने वाले इन सभी पात्र लोगों को सरकार की ओर से पर्याप्त आर्थिक-सामाजिक सुरक्षा मिलेगी ताकि वे भी समाज में आत्मनिर्भर और आर्थिक तौर पर सशक्त बनकर एक बेहतर जीवन यापन कर सकें।
मुख्य मंत्री सुखाश्रय योजना के द्वारा चार प्रमुख घटकों के तहत निराश्रित व अनाथ बच्चों का प्रदेश सरकार सहारा बनने जा रही है। पहले घटक में 18 वर्ष की आयु से पहले अनाथ हुए लोगों को कानून के अनुसार विवाह करने पर 2 लाख रूपये की धनराशि मुहैया करवाई जाएगी। दूसरे घटक के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से सीसीआई संस्थानों में रहने वाले प्रत्येक बच्चों के आवर्ती जमा खाते खोले जाएंगे। इन खातों से 14 साल से अधिक उम्र के बच्चे जरूरत अनुसार धनराशि निकाल सकेंगे। साथ ही टॉप-अप भी प्रदान किया जाएगा जिसके तहत 0-14 वर्ष आयु वाले बच्चों को प्रतिमाह प्रति बच्चा एक हजार रूपये, 15 से 18 वर्ष आयु वाले बच्चों को 25 सौ रुपये तथा एकल नारी को प्रति माह प्रति व्यक्ति 25 सौ रुपये धनराशि प्राप्त होगी।
इसी योजना के तीसरे घटक के अंतर्गत ऐसे व्यक्ति को सरकार मकान बनाने के लिए भूमि उपलब्ध करवाएगी जो 27 वर्ष की आयु से पहले अनाथ हो गया है और भूमिहीन है। साथ ही मकान बनाने के लिए मुख्य मंत्री सुखाश्रय योजना के तहत डेढ़ लाख रुपये दिये जाएंगे। इसके अलावा यदि अनाथ व्यक्ति सरकारी विभागों की अन्य आवास योजनाओं के लिए पात्र नहीं होगा, तो ऐसी स्थिति में गृह निर्माण हेतु 3 लाख रुपये दिये जाएंगे। इसी योजना के चौथे घटक के तहत उच्च, व्यावसायिक व कौशल शिक्षा प्राप्त करने वाले निराश्रित व अनाथ बच्चों का पूरा खर्च प्रदेश सरकार वहन करेगी। साथ ही अध्ययन के दौरान प्रति व्यक्ति चार हजार रुपये प्रतिमाह व्यक्तिगत खर्चों को पूरा करने के लिए भी दिये जाएंगे।
इसके अलावा 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले निराश्रित व अनाथ लोग यदि स्वयं का स्टार्टअप स्थापित करना चाहेंगे तो उन्हें भी प्रति व्यक्ति 2 लाख रुपये की एकमुश्त वित्तीय मदद प्रदान की जाएगी ताकि वे आजीविका कमाने में सक्षम हो सकें। ऐसे व्यक्ति मुख्य मंत्री स्वावलंबन योजना के तहत भी ऋण व लाभ प्राप्त करने के पात्र होंगे।
बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) चौंतड़ा बी.आर.वर्मा का कहना है कि मुख्य मंत्री सुखाश्रय योजना के तहत चौंतड़ा ब्लॉक से उच्च शिक्षा हासिल कर रहे 5 निराश्रित व अनाथ बच्चों के मामलों को स्वीकृति हेतु विभाग को भेज दिया गया है। जिनमें बीएससी के दो, बीएससी नर्सिंग का एक, होटल मैनेजमेंट व प्रबंधन का एक-एक मामला शामिल है। इसके अलावा उच्च शिक्षा हासिल कर रहे तीन अन्य मामलों की कागजी कार्रवाई भी पूरी की जा रही है ताकि इन्हे भी जल्द इस योजना के साथ जोड़ा जा सके।