कुल्लू दशहरा उत्सव में तहसीलदार कुल्लू को तथाकथित देवलुओं द्वारा प्रताड़ित करना बेहद नींदनीय – कुशाल भारद्वाज

Listen to this article

सुरभि न्यूज़

जोगिंदर नगर, 07 अक्तूबर

हिमाचल प्रदेश में दलित समुदाय पर बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ प्रदेशव्यापी प्रदर्शनों की कड़ी में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की जोगिंदर नगर लोकल कमेटी द्वारा आज मूसलाधार बारिश के बावजूद सुक्काबाग मेला मैदान के सरस्वती मंच पर धरना प्रदर्शन किया, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी हिस्सा लिया। इस धरने प्रदर्शन में माकपा के राज्य सचिवमंडल सदस्य कुशाल भारद्वाज, जिला कमेटी सदस्य संजय जमवाल, लोकल कमेटी सदस्य सुदर्शन वालिया, बालक राम, पवन कुमार, विद्या देवी, सकीना देवी, साक्षी शर्मा, सकीना देवी, भतेरी देवी, भानो देवी, सुमन देवी, नीलमा देवी, पुष्पा देवी, हल्कू राम, सरगू राम आदि मौजूद रहे।

धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कुशाल भारद्वाज ने कहा कि आजादी के 78 साल बाद भी और देश में संविधान के लागू होने के बावजूद मनुवादी मानसिकता वाले लोगों और ऐसी ही मानसिकता वाली संस्थाओं द्वारा हिमाचल प्रदेश के विभिन्न भागों में दलित समुदाय पर बढ़ते अत्याचारों एवं दुराचारों के कारण मन को स्थान पीड़ा होती है। उन्होंने कहा कि आज हम सब 21वीं सदी में पहुंच गए, लेकिन कई लोगों की सोच अभी भी दास प्रथा और सामंती समाज की ही है।

आज भी समाज के कमजोर तबकों, विशेषकर दलितों और महिलाओं के साथ न केवल भेदभाव हो रहा है बल्कि उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है। ऐसी हाल ही की तीन घटनाओं ने सभ्य समाज को झकझोर कर रख दिया है। पहली घटना कुल्लू की सैंज घाटी की है जहां रसूखदारों ने एक दलित महिला के साथ जंगल में बलात्कार किया और उसके शव को टुकड़ों में काटकर एक किल्टे में ले जाकर इस जघन्य अपराध के सभी सबूत नष्ट किए करने की कोशिश की। वहीं चिड़गांव के जांगला नामक गांव में सिकंदर नाम के एक 12 वर्षीय दलित बच्चे को एक ऊँची जाति की एक महिला के घर में कदम रखने पर उस मासूम को गौशाला में बंद कर दिया गया और दण्ड स्वरूप बकरे की माँग की गई। इस अपमान और मानसिक आघात के कारण इस बच्चे ने आत्महत्या कर ली।

तीसरी घटना कुल्लू में दशहरा उत्सव के दौरान तहसीलदार कुल्लू का देवता के अस्थायी निवास में जाने पर देवलुओं द्वारा प्रताड़ित करना बेहद नींदनीय है। हालांकि वे निजी हैसियत नहीं शासकीय प्रतिनिधित्व कर मेला प्रबंधन की ड्यूटी बतौर एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट अपना कर्तब्य निभा रहे थे। अतः जो दुर्व्यवहार हुआ वह तहसीलदार के साथ ही नहीं संपूर्ण शासकीय व्यवस्था के साथ हुआ।

उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं सभ्य समाज को शर्मसार करती हैं और इंसान होने के नाते हम ऐसी घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं कर सकते। समाज के कमजोर तबकों तथा दलितों के साथ जानबूझ कर किया जा रहा ये पाशविक दमन घोर निंदनीय है। यदि हमारे अंदर का इंसान जिंदा है तो हमें इसके खिलाफ आवाज उठानी ही चाहिए।

Oplus_131072

कुशाल भारद्वाज ने कहा कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव संजय चौहान और पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक राकेश सिंघा जब पीड़ित मृतक बच्चे के घर सांत्वना प्रकट करने गए थे तो ऐसी ही मनुवादी मानसिकता वाले संगठनों ने कुछ लोगों को आगे कर उनका रास्ता रोक तथा अभद्र व्यवहार किया जिसका हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं तथा साफ बताना चाहते हैं कि सामाजिक न्याय की लड़ाई में हम मनुवादी मानसिकता के गुंडों से डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह पीड़ितों को न्याय दे और न्याय देने के लिए सभी संवैधानिक बाध्यताओं का पालन करे तथा अपराध करने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई करे। सरकार संविधान में प्रदत दलितों, पिछड़ों एवं वंचितों के अधिकारों की रक्षा करे।

इस अवसर पर संजय जमवाल व सुदर्शन वालिया ने कहा कि जातिगत भेदभाव, छुआछूत, व दलित प्रताड़ना के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होनी ही चाहिए तथा ऐसी घटनाओं पर रोक लगनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *