सुरभि न्यूज़
कुल्लू, 11 अक्टूबर
अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के दौरान पहले दिन ही कुछ तथा कथित देउलुओं द्वारा तहसीलदार के साथ की गई मारपीट व अभद्र व्यवहार के प्रकरण में कुछ ऐसे तथाकथित समाज सेवी भी कूद पड़े हैं, जिनका समाज में कोई योगदान ही नहीं रहा है।
इस प्रकरण की आड़ में वह लगातार दखलअंदाजी करते हुए जहां कुछ लोग अपना चेहरा चमकने की कवायद में जुट गए हैं, वहीं वह इस मामले को लेकर लोगों को भी गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। जिससे समाज में लगातार वैमनस्य की भावना बढ़ रही है, जो समाज के लिए किसी भी तरह से सुखद नहीं है। हालांकि इस मामले में कानून अपना काम कर रहा है। क्योंकि कानूनी जांच से ही यह साफ हो पाएगा कि इस मामले में कौन दोषी है। जबकि, पुलिस मामले की जांच कर रही है। ताकि यह स्पष्ट हो सके कि इस मामले में तहसीलदार दोषी है या उनके साथ मारपीट व अभद्र व्यवहार करने वाले दोषी है।
कुछ लोग इस मामले को लेकर लगातार दखल देते हुए सामाजिक माहौल को बिगड़ने का प्रयास कर रहे हैं। पुलिस प्रशासन को धता बताते हुए मनमाने तरीके से सोशल मीडिया के माध्यम से जन भावनाएं भड़काने का प्रयास करते जा रहे हैं। हालांकि अभी तक यह किसी भी स्तर पर स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस मामले में दोषी कौन है। लेकिन इसके बावजूद भी कुछ लोगों द्वारा लगातार इस मामले को देव व धार्मिक आस्थाओं के साथ जोड़ते हुए समाज में लगातार विभाजन की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जा रहा है।
मसला यह नहीं है कि तहसीलदार का कृत्य ठीक था या तथाकथित देउलुओं द्वारा उनके साथ किया गया व्यवहार सही था। ऐसे में निश्चित तौर पर कानून को अपना काम करने देना चाहिए। जो गलत पाया जाएगा, उसे कानून सम्मत सजा मिलेगी, यही न्याय संगत भी है। लेकिन कानूनी प्रक्रिया को लगातार धता बताते हुए कुछ लोग मनमाने तरीके से इस मामले का फैसला करना चाह रहे हैं। जो पूरी तरह से न्यायिक प्रक्रिया के मुताबिक असंवैधानिक है।